शिवांश लगातार उस लड़की के होठों को चबाए जा रहा था । उसे देख कर लग नही रहा था । की वो उसे छोड़ ने के मूड में था ।
वही वो लड़की जिसकी सांस उसके अंतरात्मा से जुदा होने के अंतिम समय पर आ चुकी थी । वो लागातार उस के कठोर सीने पर अपने नाजुक से हाथो से मार रही थी ।
ताकि वो आदमी उस को छोड़ दे। लेकिन उसे देख कर लग रहा था । जैसे वो छोड़ने के मूड में बिल्कुल नही था । उस लड़की ने अब हरकत करना बंद कर दिया ।
उसकी लाल बोझिल आंखे जो धीमे खुली हुई थी । अब वो पूरी तरीके से बंद हो गई । उसने झटपटाना छोड़ दिया । और उसकी बॉडी ढीली पड़ गई ।
जब इस बात का एहसास शिवांश को हुआ तो उसने एक झटके से उस लड़की के होठों को ख़ुद के होठों से आजाद कर दिया । और उसे देखने लगा ।
जो बेजजान सी उसके बाहों मे झूल रही थी । उसे इस तरह से बेहोश देख कर शिवांश का चेहरा पल भर मे ही सख्त हो गया। उसने अपने रफ हाथो को उस लड़की के गालों पर ले जा कर सहलाया और अपनी डोमेनेटिंग कोल्डनेस से भरी आवाज़ में बोला " स्वीट शुगर अपनी आंखे खोलो ? " शिवांश ने ऑर्डरिंग टोन में बेहोश पड़ी उस लड़की से कहा ।
वो लड़की सांस ना ले पाने के कारण बेहोश हो चुकी थी । उसका चेहरा बुरी तरीके से लाल पड़ा हुआ था । उस आदमी ने उसे गहरी नजरों से देखा और शिवांश अपनी जगह से उठ कर उसे आराम से बेड पर लिटा दिया
बेड पर लिटा कर वो फर्स्ट एट बॉक्स के लिए बेड के साइड टेबल के ड्रावर के पास चला गया ।
उसने वहां से अपनी जरुरत की चीजे निकली और फिर वो उस लड़की को चेक करने लगा । उसके हाथो में स्थेटोस्कोप था । जिसे वो अपने कानो में एडजस्ट कर रहा था ।
लगभग पंद्रह मिनट बाद उस लड़की को चेक करने के बाद शिवांश ने एक गहरी सांस खींची । और उसने दो इंजेक्शन उस लड़की को लगा दिए ।
उसने सारा कुछ समेटा और उसे अपनी एक शर्ट पहना कर वो कमरे से बाहर चला गया ।
स्टडी रूम ,,
शिवांश अपने रूम से निकल कर अपनी स्टडी रूम की तरफ बढ़ गया उसने जैसे ही स्टडी रूम में अपना पहला कदम बढ़ाया उसे वहां पर पहले से ही मौजूद विश्वास नजर आया।
विश्वास को वहां पर देखकर शिवांश ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की और वह चुपचाप जाकर सिंगल सोफे पर किसी राजा की तरह बैठ गया ।
उसके औरा इस वक्त बेहद डोमिनेटिंग और खतरनाक वाइब दे रहा था ।
विश्वास ने जैसे ही शिवांश को देखा उसने अपनी सांसे था मिली और उसकी नज़रें जमीन पर कर गई उसने सर झुका कर शिवांश को ग्रीट किया और बेहद ही धीमे लहजे में बोला " बॉस वह पिछले 15 सालों से सावित्री सक्सेना के पास थी इस बीच उनकी याददाश्त भी जा चुकी है उन्हें अपना पिछला कुछ भी याद नहीं है उन्हें यह भी नहीं पता कि उसके असली मां-बाप कौन है वह कहां से है उसकी असली पहचान क्या है उसका अस्तित्व क्या है उसे सिर्फ इतना पता है कि उसकी मां सावित्री सक्सेना है और उसके आगे पीछे उसे कुछ भी नहीं पता और ना ही कभी उसने कुछ जानने की कोशिश की उसकी पूरी दुनिया उसकी मां सावित्री सक्सेना के ऊपर बस्ती है | " विश्वास ने अपनी बातें बेहद ही कम शब्दों में शिवांश के आगे रख दे और वह चुप हो गया उसे इस तरह से चुप होता हुआ देखकर शिवांश ने अपनी गहरी काली आंखों से विश्वास की तरफ देखा और अपनी ठंडी आवाज में बोला " तो वह उनके साथ पहुंची कैसे और कौन है यह सावित्री सक्सेना ? " एक बार फिर से शिवांश ने सवाल किया शिवांश का सवाल सुनकर विश्वास के चेहरे की एक्सप्रेशन चेंज हो गए और उसने एक्सप्रेशंस होकर सीरियस आवाज में बोला " बस सावित्री सक्सेना राठौर परिवार की एक खास मुलाजिम थी ।
जो मिसेज राठौर के सबसे ज्यादा करीब थी । उसे रात जब वह हादसा हुआ । स्टॉप सावित्री सक्सेना वह पर मौजूद थे उसे रात को वहां से कैसे निकाले और क्या हुआ वह सिर्फ वही बता सकती है आगे हमें कुछ भी पता नहीं चला । "
विश्वास ने शिवांश की बातों का जवाब देते हुए कहा । शिवांश उसकी बातें सुनकर किसी गहरी सोच में जा डूबा उसने एक शब्द भी आगे नहीं कहे ।
विश्वास और शिवास दोनों ही खामोश हो चुके थे दोनों के बीच कोई बातें नहीं हो रही थी विश्वास अभी भी सर झुका कर खड़ा हुआ था और वही शिवांश शांति से बैठा हुआ था अचानक से ही दोनों के बीच फैली हुई गहरी चुप्पी को तोड़ते हुए शिवांश ने कहा " सावित्री सक्सेना से मीटिंग अरेंज करो । " शिवांश ने आर्डर भरे लहजे ने कहा शिवांश के बाद सुनकर विश्वास ने उसकी तरफ देखा और फिर बोला " हम सावित्री सक्सेना के बारे में पता करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी भी हमें वह मिली नहीं है हम जल्द ही उसे तक पहुंच कर उनसे आपकी मीटिंग फिक्स करते हैं। " विश्वास ने कहा विश्वास की बातें सुनकर शिवांश ने उन्हें जाने का इशारा कर दिया विश्वास के जाने के बाद स्टडी रूम में शांति फैल गई और शिवांश ने स्टडी रूम की लाइट भी ऑफ कर दी ।
और वह गहरी सोच में जादूबा उसने जैसी अपनी आंखें बंद की उसकी आंखों के सामने एक हवेली नजर आई जो चारों तरफ आज के लपटों से घिरा हुआ था ।
उसे देखकर और महसूस करके शिवांश की आंखें एक झटके से खुल गई और वह चुपचाप एक्सप्रेशंस बैठा रहा काफी वक्त तक बैठ नहीं बात वह छत कैसे उठा और अपने कमरे की तरफ बड़ गया ।
अपने कमरे में पहुंचकर उसने देखा एक बार फिर से उसकी स्वीट शुगर के माथे पर पसीने की बूंदे उभरी हुई थी और वह लगातार कुछ ना कुछ गड़बड़ाए जा रही थी उसे इस तरह से देखकर उसकी गहरी आंखें जो अब तक शांत थी उसमें बहुत से इमोशन दिखाई देने लगे वह लंबे और तेज कदमों के साथ उसे लड़की के करीब बढ़ गया और उसे एक झटके में अपनी बाहों में भर लिया उसने बेहद कसकर उसे लड़की को अपनी बाहों में छुपाया हुआ था।
उसकी आंखों में हजार इमोशन थे लेकिन उन इमोशंस को कोई भी समझ नहीं सकता था ।
उसने गहरी सांस ली और अपनी आंखें बंद कर ली अपनी आंखों को बंद करके उसे लगभग 5 मिनट तक रखा और 5 मिनट के बाद अपनी आंखों को खोलकर अपनी बाहों में मौजूद लड़की की तरफ देखा अब उसकी गहरी आंखें जिम बहुत सारे इमोशन दिखाई दे रहे थे बेजान हो चुके थे उसका चेहरा एक्सप्रेशन लेस हो चुका था।
उसे देखकर बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि यह कुछ वक्त पहले वाला शिवांश था जिसकी आंखों में बहुत से इमोशन दिखाई दे रहे थे उसने एक गहरी सांस ली उसे लड़की के चेहरे को देखा ।
To be continued ✍🏻 ✍🏻 ✍🏻
Write a comment ...