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You didn't

एक लड़की जिसने सफेद रंग की पतली से शर्ट पहनी हुई थी वह बार-बार पीछे मुड़कर देख रही थी । 

      उसके गोरे नाजुक से पैरों पर चप्पल नहीं थी चेहरे पर घबराहट नजर आ रहे थे बाल बिखरे हुए थे । 

     और वह बार-बार पीछे मुड़कर देख रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी से बचने की कोशिश कर रही थी या फिर वह किसी से बचकर भाग रहे थे । 

     उसे लड़की को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह कोई पागल हो और पागल खाने से भागी हुई कोई लड़की हो इस वक्त रात के लगभग 1:00 बज रहे थे । 

     और वह सुनसान रास्ता में अकेली भागे जा रही थी रात के इस पहर उसे लड़की के साथ कोई उच्च नीच हो सकती थी लेकिन उसे लड़की को इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था । 

      उसके पैरों में चोट लग चुकी थी और वह जैसे-जैसे आगे भाग रही थी उसके पैरों के निशान बनते जा रहे थे जो खून से बह रहे थे उसका पूरा पर खून से सना हुआ था और लक्ष्मी जी के पैरों की तरह वह अपने लाल खून से अपने पांव के छाप छोड़ रहेथे । 

      उसे लड़की ने पलट कर पीछे की तरफ देखा और एक पेड़ के नीचे रख कर अपने घुटनों पर अपने हाथ रख लिए उसने गहरी गहरी सांस लेना शुरू कर दिया वह काफी वक्त से भाग रही थी जिसकी वजह से उसकी सांस फूलना लाजमी था । 

      उसे लड़की ने आराम से गहरी सांस से ली और खुद से ही बोली " हम कोई और रास्ता ढूंढ लेंगे लेकिन अब दोबारा कभी भी हम आपकी तरफ मुड़कर नहीं देखेंगे हमने जाने अनजाने जो गलती की अब उसे गलती को हम दोबारा कभी नहीं दोहराएंगे । " उसे लड़की ने कहा और वह शांति से वहीं पर खड़ी रही उसका गला सूख रहा था और उसे प्यास लगे थे । 

     उसे लड़की ने चारों तरफ अपनी सिर घूम कर देखा कि उसे कोई नाल मिल जाए और वह अपनी प्यास बुझा सके तभी उसे एक तरफ रोशनी नजर आए और पानी की बूंदे गिरने की आवाज सुनाई थी । 

     पानी गिरने की आवाज को सुनकर उसे लड़की की चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट आ गई और उसने हल्की मुस्कुराहट के साथ खुद सही कहा " अब हम उसे कैद से आजाद हो चुके हैं और अब हम हमेशा के लिए एक आजाद पंछी की तरह आसमान में उड़ेंगे अब कभी भी दोबारा हमें वह पिंजरा कैद नहीं कर पाएगा " उसे लड़की ने कहा और जिस दिशा से आवाज आ रही थी उसे तरफ बढ़ गए । 

दूसरी तरफ ,, 

LSR मेंशन,,, 

     विश्वास के जाने के बाद शिवांश अभी भी स्टडी रूम में बैठा हुआ था । 

       उसके चेहरे पर गंभीरता उभरी हुई थी और उसे देखकर ऐसा लग रहा था वह गहरी सोच में मशगूल हो । 

     न जाने वह कितने वक्त तक वहीं पर बैठा रहा थक हार कर अचानक से ही उसके चेहरे पर एक हवा का झोंका आया और वह अपने ख्यालों की दुनिया से बाहर आया उसने गहरी सांस लेते हुए अपने हाथ पैर बंधे हुए रिस्ट वॉच की तरफ देखा । 

      रिस्ट वॉच पर बता रहे टाइम को देखकर उसकी गहरी आंखें शांत हो गई और वह अपनी जगह से उठकर कमरे की तरह बढ़ गया । 

      जैसे ही वह कमरे में पहुंचा उसे बेड पर एक छोटी सी आकृति दिखाई थी जिसे ब्लैंकेट अपने सिरसा को रखा था अपनी स्वीट शुगर को इस तरह से ब्लैंकेट में किसी खरगोश की तरह डुबकी हुई देखकर उसके होठों पर हल्की सी मुस्कुराहटआ गई । 

     और वह मुस्कुराते हुए बाथरूम की तरह बढ़ गया कुछ 5 मिनट बाद वह कपड़े चेंज करके आया और बेड पर ही लेट गया उसने एक झटके से ब्लैंकेट को खींचा । 

     ब्लैंकेट खींचने के बाद शिवांश की आंखें अंगारे उगलना लगीउसका चेहरा लाल हो गया उसने अपने जबड़े कश लिए और अपने दांत किटकीटते हुए बोला " You did not do it right, sweet sugar " ( यह तुमने बिलकुल भी सही नहीं किया स्वीट शुगर ) 

      शिवांश ने कहा अरे झटके से उसे किंग साइज पेट से उठ खड़ा हुआ उसने बेड के साइड ड्रावर से अपनी गन निकाली और खतरनाक आवाज में बोला " आई विल पनिश यू स्वीट शुगर " 

       कुछ पलों के बाद विश्वास शिवांश और उसके सभी बॉडीगार्ड पूरे शहर में किस कुत्ते की तरह स्वीट शुगर को ढूंढने लगे । 

      विश्वास जो शिवांश की गाड़ी को ड्राइव कर रहा था उसने जब शिवांश को इस तरह से गुस्से में बौखलाता हुआ देखा तो अपनी जगह पर ही कांप उठा ।

       मन ही मन उस ने उस लड़की की चिंता करते हुए खुद से ही कहा " हे भगवान इस राक्षस से उस लड़की को बचाना आखिर वह लड़की क्यों मरना चाहती है इस शैतान को जगाने की आखिर उसे जरूरत ही क्या थी जहां भी हो भगवान उसकी रक्षा करें । " विश्वास ने मन ही मन उसे लड़की के लिए अच्छा सोचते हुए कहा चारों तरफ शिवांश के बॉडीगार्ड ही फैले हुए थे । 

  

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